कमिश्नर, डीएम और एसपी ने पौधारोपण कर दिया भावनात्मक संदेश, सोनभद्र में लगाए जाएंगे 1.37 करोड़ पौधे
सोनभद्र। हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सोमवार को कमिश्नर बी.के. त्रिपाठी, जिलाधिकारी बी.एन. सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने जिले में व्यापक पौधारोपण अभियान की शुरुआत की। जिला मुख्यालय स्थित सोन सुषमा पार्क परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ संदेश के साथ इन वरिष्ठ अधिकारियों ने पौधा लगाकर आमजन को प्रकृति से भावनात्मक रूप से जोड़ने की प्रेरणा दी।इस अवसर पर कमिश्नर बी.के. त्रिपाठी ने कहा कि “एक पौधा केवल पर्यावरण की रक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी अगली पीढ़ी को एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुंदर भविष्य देने का वादा है। जब एक बेटा या बेटी अपनी माँ के नाम से पौधा लगाता है, तो उसमें सेवा, सम्मान और संरक्षण की भावना भी जन्म लेती है।” उन्होंने इस अभियान को एक सामाजिक आंदोलन बनाने का आह्वान किया और कहा कि इसे सिर्फ औपचारिकता न मानकर, पौधों की सुरक्षा को भी उतनी ही प्राथमिकता दी जाए।जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने कहा कि “हमारे जीवन में माँ का स्थान सबसे ऊपर होता है। यदि हम एक पौधा माँ के नाम पर लगाते हैं और उसकी उसी तरह देखभाल करते हैं जैसे माँ हमारी करती हैं, तो यह सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, हमारी संवेदनशीलता को भी समृद्ध करेगा।” उन्होंने बताया कि सोनभद्र जिले में इस वर्ष 1 करोड़ 37 लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इसकी शुरुआत गाँव-गाँव, स्कूलों, पंचायत परिसरों और सार्वजनिक स्थलों से की जा रही है। डीएम ने जिले में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सभी नागरिकों से अभियान में भाग लेने की अपील की।

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि “जिस प्रकार हम अपने परिजनों की रक्षा करते हैं, उसी तरह हर व्यक्ति को अपने द्वारा लगाए गए पौधे की भी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पौधों की रक्षा, समाज की रक्षा के बराबर है। हमें यह समझना होगा कि हर एक पौधा हमारे जीवन का रक्षक है।” उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया से बाहर आकर धरती की हरियाली बढ़ाने में योगदान दें। जिला मुख्यालय के जिस स्थान पर यह पौधारोपण कार्यक्रम हुआ, वह कभी पथरीला और बंजर था, लेकिन जिलाधिकारी बी.एन. सिंह के प्रयासों से अब वहाँ हरियाली लहलहा रही है और यह स्थान सोन सुषमा पार्क के रूप में विकसित होकर जिले की सुंदरता में चार चाँद लगा रहा है। स्थानीय लोगों ने इस पहल को “पत्थर पर दूब उगाने जैसा चमत्कार” कहा। कुल मिलाकर, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक भावना है, जो पर्यावरण के साथ-साथ समाज को भी जोड़ती है। जब प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक एकजुट होकर प्रकृति के लिए आगे आते हैं, तो न केवल हरियाली बढ़ती है, बल्कि एक जागरूक और जिम्मेदार समाज भी तैयार होता है।
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