सीडीपीओ पर भड़के डीएम, दिए जांच के आदेश, वजह जान उड़ेंगे होश

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रिपोर्ट रवि सिंह

सोनभद्र। दुद्धी में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया को लेकर दुद्धी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान दर्जनों महिलाएं जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह से मिलीं और सीडीपीओ समेत अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। धनौरा डुमरडीहा, बूटबेढवा,सहित अन्य गावों की महिलाओं का कहना है कि आंगनबाड़ी भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, और शासन के निर्देशों को दरकिनार कर सिर्फ चहेतों को लाभ पहुंचाया गया।

सबसे ज्यादा शिकायत तुम्हारे क्षेत्र की”

शिकायतों की सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने सीडीपीओ मनोज कुमार सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें तुम्हारे क्षेत्र से आ रही हैं। डीएम ने डीपीओ को आदेश दिया कि महिलाओं द्वारा सौंपे गए प्रार्थना पत्र की निष्पक्ष जांच कर जल्द निस्तारण किया जाए।

आय प्रमाणपत्र बना आधार, बाकी मानकों की उड़ाई गई धज्जियां

महिलाओं का आरोप है कि शासन ने नियुक्तियों के लिए कई मापदंड तय किए थे, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें दरकिनार करते हुए केवल आय प्रमाणपत्र के आधार पर सूची तैयार की। इसमें भी कई गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए हैं। आय कम दर्शा कर अपात्रों को लाभ पहुंचाया गया।

विधवा को बाहर कर बीसी संचालक की पत्नी को दी नियुक्ति

बूटबेढ़वा की रेखा साहू, जिनके पति का निधन हो चुका है, बताया कि उन्होंने सभी दस्तावेज शासन के तय मानकों के अनुसार दिए थे, लेकिन उन्हें सिर्फ इस आधार पर बाहर कर दिया गया कि उनकी आय 48 हजार रुपये है। वहीं, एक बैंक बीसी संचालक की पत्नी का आय 42 हजार दिखा कर उसे नियुक्ति दे दी गई। रेखा का कहना है कि उनके पास कोई स्थायी आय का स्रोत नहीं है और वह बच्चों की परवरिश को लेकर संघर्ष कर रही हैं।

सीडीपीओ पर भड़के डीएम, दिए यह आदेश

रेखा साहू ने कहा कि उन्होंने कई बार सीडीपीओ से न्याय की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें टाल दिया गया। जांच सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। अब वह लगातार तहसील और जिला मुख्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।डीएम से निष्पक्ष जांच की मांग, न्याय की उम्मीद
महिलाओं ने जिलाधिकारी से मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, विशेषकर आय प्रमाणपत्रों और मूल निवासी होने के प्रमाण। उनका कहना है कि अगर नियमों का पालन होता तो कई योग्य महिलाओं को मौका मिलता। अब देखना है कि डीएम स्तर से क्या कार्रवाई होती है और क्या वंचित महिलाओं को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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