पब्लिक भारत न्यूज। होली का त्यौहार अब करीब आ चुका है। होली के त्यौहार को लेकर जगह -जगह की मान्यताएं रहती है जिसे लेकर लोग अपने परंपरा के साथ होली मनाते है। होली के त्यौहार में सभी लोग रंगो से सराबोर दिखते है। इस बार 24 मार्च को होलिका का दहन किया जाएगाा और 25 मार्च को होली खेली जाएगी। होली में सब भेदभाव मिटाकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। होली को लेकर कुछ रीति-रिवाज व परंपराएं भी हैं जिसके हिसाब से लोग इसका पालन करते हैं। नई नवेली दुल्हनों के लिए भी होली को लेकर कुछ मान्यताएं हैं, जैसे- नई दुल्हन को ससुराल में पहली होली नहीं खेलनी चाहिए, पहली होली मायके में ही मनानी चाहिए। नए शादीशुदा लड़को को पहली होली ससुराल में खेलनी चाहिए। इन सबके पीछे कुछ मान्यताएं चली आ रही हैं। आइए हम इसके पीछे की वजह जानते हैं कि क्यों नई नवेली दुल्हनों को अपनी पहली होली ससुराल में खेलने से मना किया जाता है। आपको बता दे कि होली लोग केवल मान्यताओं पर ही मनाते है। देखा जाय तो ऐसा माना जाता है कि नई दुल्हन के लिए ससुराल में पहली होली खेलना या देखना अशुभ होता है। इसके पीछे यह तर्क है कि यदि नई दुल्हन और सास एक साथ होलिका जलते देख लेती हैं तो उनके बीच संबंधों में खटास आ जाती है। इसके साथ ही कई जगह पर यह भी मान्यता है कि यदि नई दुल्हन पहली होली अपने मायके में जाकर खेलती है तो उसका ससुराल पक्ष के लोगों से रिश्ते मधुर होते हैं। वहीं वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर यह भी मान्यता है कि शादी के बाद यदि नई दुल्हन पति के साथ अपने मायके में पहली होली खेलती है तो दोनों के रिश्तों में मिठास आती है। दामाद से ससुराल वालों के भी रिश्ते अच्छे बनते हैं। यह भी मानना है कि यदि नई दुल्हन अपनी पहली होली यदि मायके में मनाती है तो उससे होने वाली संतान का स्वास्थ्य अच्छा होता है। यह भी मान्यता है कि गर्भवती महिला को अपनी पहली होली मायके में ही मनाना चाहिए। कुछ क्षेत्र में तो यह भी मानना है कि यदि होली के आसपास ही नई नवेली दुल्हन को बच्चा होने वाला हो तो उसे ससुराल की होली नहीं देखनी चाहिए। वहीं इस दौरान मायके में होली मनाने से संतान का भाग्य उत्तम होता है तथा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। यही वजह है कि नई नवेली दुल्हन को पहली होली ससुराल में नहीं खेलने या मनाने कहा जाता है। सभी क्षेत्रों की अलग अलग परंपरा होती है। इसे लेकर होली मनाई जाती है।

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