- कोन ब्लॉक के सलैयाडीह गांव में आदिवासियों को फीता बांधकर संगठित होने का मंत्री जी ने दिया संदेश
- अपने हक के लिए आदिवासियों को सड़क पर उतरना होगा:रोशनलाल
- आदिवासी एकजुट हो तो फुट डालो की राजनीति होगी खत्म: छोटेलाल
- भारतीय संविधान को बचाने के लिए एकजुटता जरूरी: अविनाश
- AKD/गिरीश तिवारी
- सोनभद्र। कोन ब्लॉक के सलैयाडीह गांव में रविवार को आयोजित आदिवासी समागम और करमा पूजन समारोह का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजीव गोंड ने किया। साथ ही जो आदिवासी समाज आपस में बंटा हुआ है उसके लिए मंत्री जी और सोनांचल संघर्षवाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन लाल यादव एडवोकेट ने फीता बांधकर संगठित होने का संदेश दिया। इसके साथ ही मंत्री संजीव गोंड, सांसद छोटेलाल खरवार, पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा, रोशन लाल यादव ने भगवान विरसा मुंडा, तिलका मांझी, रानी दुर्गावती और बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने कहा कि भगवान विरसा मुंडा अमर रहें के नारे के साथ उन्होंने आदिवासियों का उत्साह बढ़ाया। कहा कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई को लेकर आपने देखा होगा कि कैसे भगवान विरसा मुंडा, रानी दुर्गावती, तिलका मांझी ने अपने समाज की जल, जंगल, जमीन बचाया था।
- उसी तरह से आदिवासियों को संगठित होना पड़ेगा, हमारे समाज के बच्चे अभी तक अनपढ़ रह गए हैं जिन्हें किसी भी तरह शिक्षित करना होगा। केंद्र सरकार ने 2006 में वनाधिकारी क़ानून बनाया है, लेकिन अभी तक यह अधिकार पूर्ण रूप से नहीं मिला, सरकार से आग्रह करके आदिवासियों को पट्टा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी जी से हमने कहा कि सोनांचल के हर आदिवासी का घर पक्का हो और उन्हें बिजली मिले।आदिवासी समागम और करमा पूजन समारोह को आयोजन कर रहे शंकर गोड़ व चन्द्र देव चेरो के आमंत्रण पर पहुंचे सोनाँचल संघर्ष वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रोशन लाल यादव ने उद्घाटन भाषण में बोलते हुए कहा कि सोनांचल में आज सोनांचल का आदिवासी दर्दनाक व्यथा के दौर से गुजर रहा है, सरकार ने उनके हक अधिकारों को न देकर उनकी दुर्दशा की जिम्मेदार बन बैठी है। सोनाँचल के आदिवासियों की पुश्तैनी जल, जंगल, जमीन से वनविभाग उजाड़ने पर आमादा है। एक भी आदिवासी युवक को सोनांचल की निजी कंपनियों ने नौकरी नहीं दिया, आज उनके पास अपनी जल, जंगल, जमीन के अलावा कोई भी रोजगार नहीं है। सोनाँचल के आदिवासियों की संस्कृति, पहचान और अस्मिता मिटाने पर बाहरी शोषणवादी ताकतें आमादा हैं जिन पर सरकार की कोई लगाम नहीं लगाई जा रही है। सोनाँचल में चरम सीमा पर उत्पादित खनिज संपदा का बेखौफ दोहन किया जा रहा है शिकायतें सुनने वाला कोई भी नहीं है। भ्रष्टाचार अपने चरम पर है नीचे से ऊपरी स्तर तक काम कराने के लिए सुविधा शुल्क दिए बिना कोई भी काम नहीं हो रहा है। आदिवासी गांवों में जहां जहां सर्वे कराने के लिए अनुरोध किया गया वो आज तक शुरू नहीं किया गया। रोशन लाल यादव ने सोनाँचल के आदिवासी नौजवानों का आह्वान किया कि बिना संगठित हुए ऐसे ही बाहरी लोग आपका हक अधिकार छिनता जाएगा, लामबंद होकर अपने हक अधिकारों के लिए सड़क पर हर हाल में उतरना पड़ेगा।सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा जो आदिवासी 25 साल से अपने जल,जंगल, जमीन पर काबिज है उसे कोई नहीं हटा पाएगा। आदिवासियों को शिक्षित होना पड़ेगा, आदिवासी जब आपस में मिलकर रहेगा तो फूट डालो कि राज नीति ख़त्म हो जाएगी।पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा ने कहा कि आदिवासियों एक जुट हो जाओ, क्योंकि भारत के संविधान को बचाना है। कहा कि जब मैं विधायक था तब किसी अधिकारी कर्मचारी की हिम्मत नहीं थी कि उत्पीड़न कर सके। लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा लोग आज परेशान हैं।कार्यक्रम का सफल संचालन सुरेंद्र जायसवाल ने किया। उक्त मौके पर अमरेश चंद्र यादव, मुकेश यादव, विजय शंकर जायसवाल, अजय सिंह चेरो पंकज चेरो, त्रिपुरारी आदि मौजूद रहे।
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