चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का कहर, किसानों की मेहनत पर पानी

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सोनभद्र। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान मोंथा का असर अब सोनभद्र जिले में भी साफ दिखने लगा है। बुधवार की रात से शुरू हुई रुक-रुक कर बारिश ने जिले के मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। आसमान में बादलों का डेरा और तेज हवाओं के साथ लगातार बरसात ने जहां ठंड बढ़ा दी है, वहीं किसानों की चिंता कई गुना बढ़ गई है। धान की खड़ी फसल, जो कटाई के लिए तैयार थी, तूफान की मार से खेतों में गिरकर बर्बाद हो गई है। कई इलाकों में खेतों में पानी भरने से सब्जियों और दलहनी फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि इस मौसम में आई ये बारिश उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फेर गई। खेतों में गिरे धान को उठाना अब मुश्किल हो गया है और कटाई के बाद सुखाने में भी भारी दिक्कतें आ रही हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि चक्रवाती तूफान मोंथा का असर अगले दो दिनों तक जिले में बना रहेगा। इस दौरान तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे फिलहाल खेतों में कटाई का कार्य रोक दें और फसल को सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था करें।

लगातार बारिश से जिले में ठंड और नमी दोनों बढ़ गई हैं। लोगों को अब हल्की सर्दी का अहसास होने लगा है। वहीं ग्रामीण इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से कीचड़ और जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित है। बाजारों में भीड़ घट गई है और सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिख रहा है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि प्रशासन तत्काल गांव-गांव सर्वे टीम भेजे और फसल नुकसान का मुआवजा जल्द दिलवाए। उनका कहना है कि पहले ही लागत बढ़ने से खेती घाटे का सौदा बन चुकी है, अब ये प्राकृतिक आपदा किसानों की कमर तोड़ने वाली साबित हो रही है। फिलहाल प्रशासन की टीमें हालात पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन आसमान से गिरती बूंदें किसानों के दिल में चिंता की लकीरें और गहरी कर रही हैं। जिले में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब थमे बारिश का सिलसिला और लौटे राहत की धूप।

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