सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बभनौली गांव में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पास्टर सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है। गांव में एक निजी घर में चंगाई सभा चल रही थी जहां बाहर से आए लोगों समेत करीब एक दर्जन लोग जुटे थे। शिकायत मिलते ही हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे, जिसके बाद हंगामा बढ़ा और मामला पुलिस तक पहुंचा। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई है और तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। राबर्टसगंज कोतवाली क्षेत्र के बभनौली गांव में धर्म परिवर्तन का मामला उजागर होते ही मंगलवार की शाम माहौल तनावपूर्ण हो गया। गांव के सुनील पाल के घर पर चंगाई सभा का आयोजन चल रहा था पास्टर रामू प्रजापति, उनकी पत्नी रिंकी और एक अन्य व्यक्ति इसमें मौजूद थे। इनके साथ बाहर से आए कुछ लोग भी शामिल हुए थे। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार प्रेयर मीटिंग हो रही थी, जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों को मिली। सूचना मिलते ही बजरंग दल और अन्य संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे, जहां कथित रूप से चंगाई सभा के लोगों ने स्थानीय महिलाओं को आगे कर दबाव बनाने की कोशिश की। विवाद बढ़ने पर हिंदू संगठनों ने मामले की सूचना रॉबर्टसगंज कोतवाली को दी। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले आई।

फिलहाल पुलिस शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर दो लोगों के ऊपर आई पीसी की धारा उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021, उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021, भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023, 351(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्यवाई में जुट गई है। शिकायतकर्ता शिवम राजपूत के अनुसार उन्हें सूचना मिली कि गांव में धर्म परिवर्तन का प्रयास किया जा रहा है। जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्हें महिलाओं को आगे कर धमकाने की कोशिश की गई। शिवम का कहना है कि स्थिति बिगड़ने से पहले उन्होंने फौरन पुलिस को खबर दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके से तीन लोगों को हिरासत में लिया और बाकी मौजूद लोगों को भी पूछताछ के लिए कोतवाली लाया गया। उधर, आरोपी पक्ष का कहना है कि वे अपने घर में शांतिपूर्ण तरीके से प्रभु यीशु की प्रार्थना कर रहे थे।

उनका आरोप है कि कुछ लोग अचानक घर में घुस आए और सभा को जबरन धर्म परिवर्तन की गतिविधि बताकर हंगामा किया। आरोपी पक्ष का कहना है कि संविधान उन्हें किसी भी धर्म के अनुसार प्रार्थना करने की अनुमति देता है और वे इसी अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। इनका आरोप है कि सरकार के सहयोग से हिंदू संगठनों द्वारा लगातार उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिशें किसी भी कीमत पर सफल नहीं होंगी। वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार पास्टर रामू प्रजापति और उनकी पत्नी रिंकी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि तहरीर और प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।फिलहाल गांव में स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस नजर बनाई हुई है।
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