रोजगार और चिकित्सा पर बहस की मांग

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ओबरा/सोनभद्र :9 दिसंबर की तिथि देश के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी दिन संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी, जिसने लंबे संघर्षों और कुर्बानियों के बाद हासिल हुई आज़ादी के बाद देश के संचालन के लिए संविधान तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया। लगभग 2 साल 11 महीने 18 दिन की मेहनत और कई देशों के संविधान के अध्ययन के बाद भारत का संविधान बना।इसी विशेष तिथि पर भारतीय अहिंसा सेवा संस्थान के अध्यक्ष और छात्र नेता जनसेवक विजय शंकर यादव ने अंबेडकर चौक से शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा पर देश में व्यापक बहस की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि देश की आम जनता महंगी शिक्षा और बेरोजगारी से जूझ रही है। चुनाव के समय रोजगार की बातें तो होती हैं, लेकिन उस पर ठोस कदम देखने को नहीं मिलते। महंगी पढ़ाई के बाद भी नौकरी न मिलने से युवा निराशा में डूब रहे हैं।उन्होंने कहा कि संसद में वर्ष में कम से कम एक बार शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा पर अनिवार्य रूप से बहस हो ताकि आम जनता की समस्याओं का समाधान हो सके और उनका जीवन बेहतर बने। इस मुद्दे को मजबूत करने के लिए संगठन जल्द ही हस्ताक्षर अभियान चलाएगा, ताकि जनता की मूल समस्याओं को सदन तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने मांग की कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार सस्ती शिक्षा, बेहतर चिकित्सा और मजबूत रोजगार व्यवस्था सुनिश्चित करे, जिससे आम नागरिकों का जीवन सुदृढ़ हो सके।

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