खनन हादसे के 37 दिन बाद खनन निदेशक माला श्रीवास्तव का सोनभद्र दौरा,फैसलों की आहट तेज

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सोनभद्र(AKD/गिरीश तिवारी)-15 नवंबर को बिल्ली मारकुंडी स्थित कृष्णा माइनिंग वर्क्स की पत्थर खदान में हुए भीषण हादसे के बाद खनन निदेशक माला श्रीवास्तव पहली बार सोनभद्र पहुंचीं। उनके आगमन के साथ ही पूरे खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसरा नजर आया। हादसे में 7 मजदूरों की दर्दनाक मौत के बाद जिले का खनन माहौल पहले से ही संवेदनशील बना हुआ है और निदेशक का यह दौरा कई अहम फैसलों का संकेत माना जा रहा है। 15 नवंबर को खदान ढहने से मजदूर मलबे में दब गए थे। लंबे राहत और बचाव अभियान के बाद 7 मजदूरों की मौत की पुष्टि हुई थी। इस हादसे ने जिले के खनन तंत्र, सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।हादसे के तुरंत बाद खान सुरक्षा निदेशालय ने जिले में पत्थर खनन पर रोक लगा दी थी। वर्तमान में भी जिले की अधिकांश पत्थर खदानें बंद हैं। इस बीच खनन दुर्घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम SIT ने सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और भारी ड्रिलिंग को हादसे की बड़ी वजह माना है। जांच के दौरान चार लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

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खनन निदेशक के निर्देश पर विभागीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए खनन निरीक्षक मनोज कुमार और वरिष्ठ सर्वेयर योगेश शुक्ला को हटाकर नए अधिकारियों की तैनाती की गई है। इस कदम को प्रशासनिक सुधार और जवाबदेही तय करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।निदेशक के सर्किट हाउस पहुंचते ही जिला प्रशासन पूरी तरह हरकत में नजर आया। डीएम, एडीएम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी सर्किट हाउस पहुंचे, जहां बंद कमरे में लंबी समीक्षा बैठक हुई। बैठक में हादसे के कारणों, खनन सुरक्षा मानकों और आगे की रणनीति पर विस्तार से मंथन किया गया।फिलहाल पूरे जिले की निगाहें खनन निदेशक के निरीक्षण और आने वाले फैसलों पर टिकी हुई हैं। यह दौरा न केवल खनन पर लगी रोक की दिशा तय करेगा, बल्कि भविष्य में जिले में खनन सुरक्षा और प्रशासनिक सख्ती का रास्ता भी निर्धारित करेगा। स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है और प्रशासन की हर कार्रवाई पर आम जनता और मजदूरों की नजर है।

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