महिलाओं ने अपने आत्मनिर्भरता के मॉडल प्रस्तुत किए, वजह जान झूम उठेंगे खुशी से

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रिपोर्ट AKD/गिरीश तिवारी

यूपी के सोनभद्र जनपद से एक अच्छी पहल की तस्वीर सामने आई है। जहां समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश 2047 जनपदीय संगोष्ठी के तहत चोपन विकासखंड परिसर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान महिलाओं ने अपने आत्मनिर्भरता के मॉडल प्रस्तुत किए और विशेषज्ञों ने उन्हें विकसित भारत के सपने में अपनी अहम भूमिका का एहसास कराया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आर.के. चतुर्वेदी ने महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज जरूरत है अपनी प्रतिभा को पहचानने और उसे समाज व प्रदेश के विकास में लगाने की। चोपन ब्लॉक सभागार में आयोजित जनपदीय संगोष्ठी में बड़ी संख्या में महिलाएं और समूह से जुड़ीं प्रतिनिधि शामिल हुईं। इस दौरान महिलाओं ने स्टॉल लगाकर अपने हाथों से तैयार किए गए सामानों की प्रदर्शनी भी की, जिससे यह संदेश गया कि आत्म निर्भरता का रास्ता समूहों से होकर ही निकलता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आर.के. चतुर्वेदी ने कहा कि गृहणी सबसे बेहतर प्रबंधन करना जानती है। घर के सीमित संसाधनों में वह हर जरूरत पूरी कर लेती है, और यही क्षमता उन्हें बड़े स्तर पर भी सफल बना सकती है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी गृहिणियों का बचाया हुआ पैसा परिवारों के लिए संबल साबित हुआ। महिलाओं से अपील की गई कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें और उसे जिले व प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में सहयोगी बनाएं। पर्यटन के क्षेत्र में भी महिलाओं की भूमिका पर चर्चा हुई और बताया गया कि आने वाले समय में सोनभद्र को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। मीडिया से खास बातचीत करते हुए आर.के. चतुर्वेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न है कि जब भारत 2047 में आज़ादी के 100 साल पूरे करे, तब देश पूरी तरह विकसित हो। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी समग्र और विकसित यूपी की परिकल्पना तैयार की है।

इस योजना में 12 सेक्टरों पर काम किया जा रहा है, जिसमें रोजगार, स्वास्थ्य, नागरिक सुविधाएं और आईटी सेक्टर को नई ऊंचाई पर पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सोनभद्र में अपार संभावनाएं हैं चाहे प्राकृतिक धरोहर हो, ऐतिहासिक स्थल हों या धार्मिक पर्यटन स्थल, इन सबको विकसित करके रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। साल 2004-05 की स्थिति याद करते हुए उन्होंने कहा कि तब यहां कई जगहों तक पहुंचना मुश्किल था, लेकिन आज सड़क और कनेक्टिविटी के चलते तस्वीर काफी बदल चुकी है। धीरे-धीरे ही सही, सोनभद्र विकास की नई दिशा में आगे बढ़ रहा है और 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश के सपने में इसकी भूमिका बेहद अहम रहने वाली है।

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