सोनभद्र(AKD/गिरीश तिवारी)-
जिले में लंबे समय से चल रहे अवैध बालू खनन को लेकर लगातार शिकायतें मिलती रहीं। इसके बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए पूर्व खान अधिकारी शैलेन्द्र पटेल का तबादला झांसी कर दिया है। उनकी जगह अब कमल कश्यप को जिले का नया खान अधिकारी बनाया गया है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि अधिकारी बदलने के बावजूद भी जिले में अवैध खनन का कारोबार पहले की तरह जारी है। सूत्रों की माने तो जुगैल थाना क्षेत्र के कुडारी, चौरा और बिजौरा इलाके में इन दिनों खुलेआम बालू निकाली जा रही है। रात होते ही बालू से लदे ट्रैक्टर सड़कों पर बिना डर-भय दौड़ते नजर आते हैं। जबकि खनन विभाग और पुलिस अधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। बताया जाता है कि इस पूरे इलाके में बालू माफिया का नेटवर्क बेहद मजबूत है, जिसके चलते शिकायतें होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।

खनन पर रोक के बावजूद नदी की तलहटी से बालू निकालने का काम लगातार जारी है। लोगों का कहना है कि शिकायतें होने पर विभाग केवल खानापूरी करता है, लेकिन असली माफियाओं तक नहीं पहुंच पाता। कुडारी और बिजौरा के रास्तों से रोजाना बालू से लदे वाहन गुजरते हैं। कुछ घोरावल थाना क्षेत्र, तो कुछ जुगैल मार्ग से होकर। इतने बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध खनन यह बताता है कि बिना संरक्षण के यह संभव नहीं है।

क्षेत्र में हो रहे खनन को लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि खनन विभाग की मिलीभगत से यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। एक ओर सरकार अवैध खनन रोकने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। सरकार को बदनाम करने का कार्य उनके ही अधिकारी कर रहे है। बरसात के मौसम में भी, जब खनन पर पूरी तरह रोक होती है, तब भी बालू निकालने का काम नहीं रुकता। यह साफ दिखाता है कि यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि संगठित तंत्र की नाकामी है, जिसके चलते सोनभद्र में अवैध खनन का यह खेल थमने का नाम नहीं ले रहा।
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