दहेज मुक्त समाज के निर्माण में सबका सहयोग आवश्यक

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गिरीश तिवारी/अरविन्द दुबे

सोनभद्र। जिलाधिकारी के दिशा निर्देश के क्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी पुनीत टण्डन के नेतृत्व में विकास भवन लोढ़ी में दहेज प्रतिषेध दिवस मनाया गयाl केंद्र प्रशासक दीपिका सिंह द्वारा बताया गया कि महिलाओं को दहेज एक सामाजिक हिंसा है कोई संपत्ति मूलवान वस्तु या प्रतिभूति जो विवाह में एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को दी जाए या देने का वादा किया जाए दहेज कहलाता हैl एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष से नगद गहने कपड़े आदि मांगना मूलवान वस्तुएं जैसे टीवी फ्रिज स्कूटर मोटरसाइकिल कार, संपत्ति प्लाट मकान आदि की मांग करना दहेज कहलाता हैl दहेज विवाह से पूर्व, दौरान या कई साल बाद तक भी दिया जाता है।

दहेज लेना या देना या दहेज के लिए उकसाना दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अंतर्गत अपराध है जिसके लिए 5 साल तक की कैद अथवा ₹15000 या दहेज की रकम जो भी अधिक हो जुर्माने का प्रावधान हैल प्रत्यक्ष, परोक्ष रूप से दहेज की मांग पर 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा तथा ₹10000 जुर्माने का प्रावधान हैl इसके अतिरिक्त शिकायत कौन कब और कहां कर सकता है यह भी बताया गया दहेज की मांग से पीड़ित महिला स्वयं उसके माता-पिता या अन्य कोई रिश्तेदार या कोई स्वयं से भी संस्था शिकायत टोल फ्री नम्बर 181 महिला हेल्प लाइन 1098 या अधिक जानकारी कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी, कलक्ट्रेट मे संपर्क कर सकते हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई से ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा बताया गया कि दहेज मुक्त समाज के निर्माण में सबका सहयोग जरुरी है, साथ ही महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई साथ ही समस्त हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताया गयाल कार्यक्रम में अध्यक्ष व सदस्य बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टाप सेंटर,चाइल्ड लाइन से समस्त स्टॉप और महिलाएं आदि उपस्थित रहे l

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