जिले के इस नदी पर पुल निर्माण मामले में ऑडियो वायरल, सुनते ही विभाग के भी उड़ जाएंगे होश

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(डेस्क पब्लिक भारत)

सोनभद्र। जिले में पीडब्लूडी के ठेकेदारों द्वारा कैसे विभाग व सरकार को चूना लगाया जा रहा है वह इस खबर को देखकर आप अंदाजा लगाया जा सकता हैं ताजा मामला घोरावल विकासखंड के मुड़ीलाडी गांव का है। इस गांव के एक युवक ने जब पोर्टल पर शिकायत किया तो पूरा मामला खुलकर सामने आया। इन दिनों पूरे मामले का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें ठेकेदार व एक व्यक्ति द्वारा बात की जा रही जिसमें साफ तौर पर पुल निर्माण व सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल को किस प्रकार से ठेकेदार के सहयोगियों द्वारा पूरे मैटेरियल को बेच दिया गया है यहां तक की पुल निर्माण में इस्तेमाल होने वाली 16 एमएम सरिया के स्थान पर 10 एमएम सरिया का इस्तेमाल किया गया है वह भी केवल खाना पूर्ति के लिए। ऑडियो में यह भी कहा गया है कि पूरे मटेरियल से किसी का घर बन गया तो काम करने वाला मुंशी ने पूरे मैटेरियल को दुकानों पर बेच दिया।

उल्लेखनीय है कि उक्त गांव में 11 वर्ष पहले बेलन नदी पर पुल निर्माण का कार्य तत्काल विधायक रमेश चंद दुबे के प्रयास से शुरू कराया गया था। 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक आधा अधूरा पुल अपनी कहानी कह रहा है। बेला नदी में ठेकेदार द्वारा कुछ पावा बनाकर उसे उसी हाल पर छोड़ दिया गया है। सूत्रों की माने तो इस पुल पर डेढ़ से 2 करोड रुपए का भुगतान भी हो चुका है लेकिन अभी तक पुल अधूरा पड़ा है। इस संबंध में विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व जब इसकी जानकारी जब जनपद के प्रभारी मंत्री से ली गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर कार्यदाई संस्था व ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। अब देखना यह है कि ऑडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों द्वारा ठेकेदार पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है।

11 वर्ष पूर्व पुल निर्माण का कार्य हुआ था शुरू

सोनभद्र। घोरावल विकासखंड के मुड़ीलाडी( पटखा गांव) में बेलन नदी पर 11 वर्ष पहले शुरू हुआ पुल का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका अभी तक सिर्फ बेलन नदी में पिलर ही खड़ा हुआ है सड़क का निर्माण भी अधूरा है पुल निर्माण के लिए कितना बजट मिला था और अब तक कितना खर्च हुआ किसी को पता नहीं। सूत्रों की माने तो जब इस मामले की शिकायत बार-बार आइजीआरएस पोर्टल पर की गई तो जिलाधिकारी  ने मामले को गंभीरता से लेते हुए  संबंधित कार्यदाई संस्था से  जवाब तलब किया है विकास खंड घोरावल के मुड़ीलाडी और धोवा गांव के बीच बेलन नदी पर वर्ष 2013 में पुल निर्माण के लिए एक लंबी सड़क बनाने की अनुमति मिली थी ग्रामीणों का आरोप है कि प्रांतीय खंड की तरफ से सुकृतिक कार्य के एवज में डेढ़ से 2 करोड रुपए का भुगतान भी हो चुका है। पुल निर्माण के नाम पर बेलन नदी में आठ पावों के अलावा कुछ भी नहीं है। कई वर्ष से पुल का काम बंद है अधूरा पुल छोड़े जाने की शिकायत ग्राम पंचायत से लेकर आइजीआरएस पोर्टल तक की गई मगर आश्वासन के अलावा ग्रामीणों को कुछ नहीं मिला। पुल का निर्माण किस कारण से अभी अधूरा है इस संबंध में विभागीय अधिकारी भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं। उक्त गांव के योग द्वारा बार-बार आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की जा रही है और विभाग अपनी रिपोर्ट लगाकर पल्ला झाड़ ले रहा है। 

200 गांव के लोगों को मिलेगी सुविधा

सोनभद्र। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह अधूरा पुल बन जाए तो मुड़ीलाडी से इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए लोगों को करीब 10 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। आपको बता दे कि अगर मुड़ीलाडी और धोवा गांव के बीच बेलन नदी पर पुल का निर्माण के साथ ही दोनों छोर पर करीब 500- 500 मीटर सड़क का निर्माण कर दिया गया होता तो मुड़ीलाडी और धोवा होते हुए राजगढ़ की दूरी करीब 10 किलोमीटर कम हो जाती। सड़क का निर्माण नहीं हो पाने की वजह से क्षेत्र के लोगों को खंडेउर शाहगंज के रास्ते राजगढ़ जाना पड़ता है यही स्थिति राजगढ़ की तरफ से घोरावल क्षेत्र आने वाले लोगों के लिए भी है। बेलन नदी पर पुल बनने बनने से क्षेत्र के करीब 200 गांव के लोगों का आवागमन सुविधाजनक हो जाता।

हर बार रिपोर्ट बदलकर लगता है विभाग

सोनभद्र। इस संबंध में गांव के युवक का कहना है कि बेलन नदी पर पुल व सड़क का निर्माण पीडब्लूडी प्रांतीय खंड के द्वारा कराया कराया जाना था जिसकी शिकायत उसके द्वारा कई बार की गई लेकिन विभाग के अधिकारी केवल अपनी रिपोर्ट लगाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि बार-बार बदल बदल के रिपोर्ट विभाग के अधिकारी लगा रहे हैं लेकिन अभी तक ठेकेदार के ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की गई। सूत्रों की माने तो पुल की लागत करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपए थी। यह कार्य 2013 में शुरू कर दिया गया और करीब 2 वर्षों तक कार्य चला इसके बाद पुल का निर्माण न जाने किन कार्यों से बंद कर दिया गया। नदी में कुल 9 पिलर बनकर तैयार है किसके साथ ही ग्रामीण ने कहा कि करीब 1 किलो मीटर तक सोलन दोनों तरफ बिछाई गई है लेकिन इसे विभाग द्वारा पूर्ण नहीं कराया जा रहा है। ग्रामीण का करना है कि इसकी शिकायत हम करीब पांच वर्ष से ग्राम पंचायत से लेकर जिलाधिकारी तक कर चुके है लेकिन कोई भी अधिकारी इसकी जांच करने मौके पर नहीं आया। इसकी शिकायत हम आइजी आर एस पोर्टल पर भी कई बार किए है। 

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