सोनभद्र में दलित श्रमिक की कुचलकर हत्या, बेकाबू हाईवा बना मौत का वाहन, ट्रक पलटने से दहशत

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सोनभद्र (अरविंद दुबे,गिरीश तिवारी)-जिले के सुकृत क्षेत्र में एक भयावह हादसा हुआ, जिसने प्रशासनिक लापरवाही और सड़क सुरक्षा की पोल खोल दी। लोहरा गांव के समीप जंगल से लकड़ी काटकर रोज़ी-रोटी कमाने निकले गिरजा (32 वर्ष), पुत्र सरजू निवासी सुकृत को एक अनियंत्रित हाईवा ट्रक ने साइकिल समेत बेरहमी से कुचल दिया। गिरजा का शरीर सड़क पर क्षत-विक्षत पड़ा रहा और ट्रक बिजली के खंभे और पुलिया से टकराकर पलट गया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।मृतक गिरजा, जो कि मुशहर जाति से था, अपनी मेहनत और ईमानदारी के दम पर मधुपुर की मिठाई की दुकान पर लकड़ी बेचने का काम करता था। वह हर सुबह जंगल से लकड़ी काटकर निकलता था ताकि अपने परिवार का पेट भर सके। लेकिन इस सुबह, उसकी ज़िंदगी प्रशासनिक लापरवाही की बलि चढ़ गई।घटना की सूचना पर सुकृत पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा फुट पड़ा है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में ओवरलोडेड और तेज़ रफ्तार हाईवा ट्रकों का खुलेआम संचालन हो रहा है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, परंतु जिला प्रशासन और पुलिस आंखें मूंदे हुए हैं।गिरजा की मौत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि इस तंत्र में गरीब, दलित और मेहनतकश इंसान की ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं बची है। न तो ट्रकों की जांच हो रही है, न ही स्पीड पर नियंत्रण है। कानून की किताबें केवल VIP सड़कों तक सीमित रह गई हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में हर दिन मौत सड़क पर तैनात खड़ी रहती है।गिरजा न केवल एक व्यक्ति था, वह मेहनतकश समाज का प्रतिनिधि था, जिसकी आवाज़ अब हमेशा के लिए खामोश कर दी गई। सोनभद्र की इस मिट्टी ने आज एक और श्रमिक पुत्र को खो दिया, जिसकी गूंज बहुत दूर तक सुनाई देनी चाहिए।

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