सोनभद्र : (अरविद दुबे,गिरीश तिवारी)-जिले में शासन के आदेश और तय समयसीमा का मखौल उड़ाते हुए शराब माफियाओं ने रात-दिन का फर्क मिटा दिया है। शराब की दुकानें तय समय के बाद भी देर रात तक धड़ल्ले से खुली रहती हैं और कानून के रखवाले आंखें मूंदे तमाशा देख रहे हैं। चोपन थाना क्षेत्र के बस स्टैंड और जुगैल थाना क्षेत्र के बड़गावां में पड़ताल के दौरान रात दस बजे के बाद भी शराब बिकती पाई गई, और दुकानदार मनमाने दाम वसूलते हुए खुलेआम शासन को ठेंगा दिखाते नजर आए। देर रात तक शराब बिक्री से नशे में धुत दरिंदों की टोली सड़कों पर घूमती है, जिससे महिलाएं, बच्चे और सामान्य नागरिक दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन आबकारी विभाग और पुलिस की जुगलबंदी ने हर बार इनकी आवाज को दबा दिया। अब सवाल यह नहीं कि नियम टूट रहे हैं, सवाल यह है कि क्या विभाग खुद इस लूट के साझेदार बन चुके हैं? तय समय के बाद शराब की बिक्री केवल सामाजिक विकृति नहीं, बल्कि अपराध को खुली छूट देने जैसा है। सरकार के आदेश सिर्फ कागजों पर रह गए हैं, जबकि जमीनी हकीकत में शराब का अंधाधुंध कारोबार चरम पर है। आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन की इस चुप्पी ने साबित कर दिया है कि सोनभद्र में शराब माफिया ही असली शासक बन बैठे हैं। जनता की सुरक्षा, शांति और सम्मान से खिलवाड़ हो रहा है और जिम्मेदार अफसर कुर्सी पर जड़ जमाए बैठे हैं। अब यदि तत्काल दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती तो साफ है कि शासन-प्रशासन भी इस अपराध में बराबर का हिस्सेदार है।

सोनभद्र की जनता अब जाग चुकी है और यदि अब भी लापरवाही जारी रही तो सड़क से सदन तक आंदोलन तय है। शराब माफिया और उनके संरक्षणदाताओं को बचाने की हर कोशिश अब भारी पड़ेगी। सोनभद्र में कानून का राज बहाल करना है तो शराब माफियाओं और लापरवाह अधिकारियों पर तुरंत गाज गिरानी होगी, वरना जनता खुद जवाब मांगने निकल पड़ेगी और तब कुर्सियां भी नहीं बचेंगी।
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