रेलवे स्टेशन को बमबारी में तब्दील कर रहा है खनन माफिया, बिल्ली स्टेशन की इमारतों में आई दरारें, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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अरविंद दुबे, गिरीश तिवारी
डाला, सोनभद्र। सोनभद्र जिले के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में रेलवे की जमीन और स्टेशन को निगलते अवैध खनन ने प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा सामने ला दी है। ग्राम पंचायत कोटा खास के निवासी निर्भय चौधरी पुत्र स्वर्गीय सोमारू ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजे गए एक ज्ञापन में खुलासा किया है कि बी.सी.एस. इंटरप्राइजेज (पार्टनर: चंद्रभूषण गुप्ता व शफीक अहमद, निवासी ओबरा) द्वारा संचालित 4.85 एकड़ की खदान में अत्यधिक विस्फोटक का प्रयोग कर ऐसा पत्थर खनन किया जा रहा है, जिससे बिल्ली रेलवे स्टेशन की इमारतें बमबारी के मैदान जैसी दरक चुकी हैं।यह खनन क्षेत्र सीधे रेलवे ओवरब्रिज व स्टेशन भवन से सटा हुआ है, जो धनबाद मंडल के NSG-6 ज़ोन BCR/East Central रेलवे डिवीजन के अंतर्गत आता है। लगातार हो रहे विस्फोटों ने न केवल यात्री विश्राम गृह व अन्य भवनों को जर्जर कर दिया है, बल्कि बिल्ली जंक्शन पर कार्यरत कर्मचारियों व यात्रियों की जान को भी संकट में डाल दिया है।रेलवे स्टेशन की कई दीवारों में गहरी दरारें आ चुकी हैं और स्थिति इतनी भयावह है कि कभी भी यह भवन मलबे में तब्दील हो सकता है। लाखों की जानमाल की संभावित क्षति की आशंका से गांववासी और जागरूक नागरिक भयभीत हैं। यह स्थिति रेल विभाग की संपूर्ण कार्यप्रणाली पर गहरे प्रश्नचिन्ह खड़े करती है, जहां बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई निरीक्षण, सीमांकन या कार्रवाई नहीं की गई।इतना ही नहीं, खदान में 12 से 15 समरसेबुल पंप लगाकर प्राकृतिक जलस्रोतों से करोड़ों लीटर पानी अवैध रूप से बहाया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरणीय संकट गहराया है, बल्कि आस-पास के भूजल स्तर पर भी विनाशकारी प्रभाव पड़ा है।निर्भय चौधरी ने चेताया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह खनन गतिविधि न केवल रेलवे की करोड़ों की संपत्ति को निगल जाएगी, बल्कि सोनभद्र को एक राष्ट्रीय आपदा क्षेत्र के रूप में बदल सकती है। उन्होंने मांग की है कि खनन पर तत्काल रोक लगे, स्टेशन की इमारतों की संरचनात्मक जांच हो, और दोषियों पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।

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