सोनभद्र जिले में हुआ अब तक का सबसे बड़ा मॉकड्रिल, 26 स्थानों पर एक साथ चला आपदा प्रबंधन अभ्यास

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गणेश कुमार / गिरीश तिवारी

सोनभद्र: जिले में आज आपदा से निपटने का अब तक का सबसे बड़ा मॉकड्रिल आयोजित किया गया, जिसमें जिले के 26 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ आपदा प्रबंधन का व्यापक अभ्यास किया गया। इस मॉकड्रिल में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सिविल डिफेंस, एनसीसी और एनएसएस की टीमें शामिल रहीं। जिलाधिकारी बीएन सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा की उपस्थिति में पूरे जिले में समन्वित अभ्यास कराया गया। जिले के सभी स्कूलों, महाविद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर इस अभ्यास के जरिए लोगों को हवाई हमले, ब्लैकआउट और आपात स्थितियों में व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण दिया गया।

जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिक किसी भी युद्ध जैसी आपदा के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार रहें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर तक लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि गांव-गांव तक आपदा प्रबंधन की तैयारी सुनिश्चित हो सके। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अगले तीन दिनों में जिले में सिविल डिफेंस की स्थापना कर दी जाएगी। पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा ने कहा कि जिले के सभी थानों में ग्रामीणों को बचाव कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने हर स्तर पर निकासी और छावनी व्यवस्था की प्रैक्टिस कराई है और सोनभद्र जिला प्रशासन हर मोर्चे पर सतर्क और पूरी तरह तैयार है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने प्राथमिक उपचार, बचाव के तरीके और आपदा के समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी, वहीं फायर ब्रिगेड की टीम ने आग लगने की स्थिति में सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग दी। एनसीसी और एनएसएस के जवानों ने राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान जिले के सभी प्रमुख भवनों, अस्पतालों और संचार केंद्रों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मीडिया और सोशल मीडिया पर केवल अधिकृत जानकारी ही प्रसारित की जाए। हरसेवानंद स्कूल की छात्राओं ने बताया कि इस मॉकड्रिल के जरिए उन्हें यह सीखने को मिला कि किस प्रकार से हम अपनी सुरक्षा करते हुए आसपास के लोगों की भी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। छात्राओं ने कहा कि स्कूल और बिल्डिंग से सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया को उन्होंने बारीकी से समझा और सीखा कि अपने पड़ोसियों को भी कैसे सुरक्षित निकाला जा सकता है। यह मॉकड्रिल न केवल अभ्यास था, बल्कि सोनभद्र जिले की आपदा प्रबंधन के प्रति सजगता और तत्परता का प्रमाण भी।

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