(अरविन्द दुबे/गिरीश तिवारी)
सोनभद्र। सोनांचल में परिवहन स्वामियों में दो गुट दिखे आमने – सामने सोनांचल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष को बताया कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तरह डिटेक्टर बन कर निजी हितों के लिए करते हैं काम। बायलॉज के विरुद्ध जाकर संगठन में काम करने का भी लगा आरोप। जनपद में सोनांचल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन की लड़ाई अब दो धड़ो में बंट गयी है। एक धड़ा जिलाध्यक्ष कमल किशोर सिंह के साथ है तो दूसरा फाउंडर मेम्बर अंकुर कश्यप के साथ खड़ा है। आज सोनांचल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के दूसरे धड़े ने प्रेसवार्ता कर जिलाध्यक्ष कमल किशोर सिंह पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए संगठन का फायदा उठा रहे है। वही अंकुर कश्यप ने कुछ दिन पूर्व एसोसिएशन के सचिव और दो सदस्यों के एसोसिएशन से निष्कासन को नियम विरुद्ध बताया है। उनका कहना है कि सदस्यों का निष्कासन चिट फण्ड कम्पनी के नियम विरुद्ध है। प्रेसवार्ता में अंकुर कश्यप ने कहा कि सात सितंबर 2021 को चोपन स्थित बाबा विश्वनाथ ढाबा पर कमल किशोर सिंह को सोनांचल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन का अध्यक्ष पद के लिए चयनित किया गया। कुछ समय पश्चात् कमल किशोर सिंह द्वारा इस संस्था का दुरूपयोग निजी हित में करना प्रारम्भ किया गया। यह जानकारी जब कुछ सदस्यों एवं वाहन स्वामियों के संज्ञान में आया तो हम सभी सदस्यों के वाहन स्वामियों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि संस्था को भंग करना ही उचित है। इसके बाद 17 नवम्बर 2022 को सभी वाहन स्वामी एक राय होकर इस यूनियन को भंग कर दिया गया, फिर भी कमल किशोर सिंह द्वारा संस्था के नाम पर संशोधित अध्यक्ष बनाकर संगठन के बायलॉज में हेरा-फेरी कर चोरी चुपके से अपने निजी स्वार्थ में किया जा था। वही श्री कश्यप ने आरोप लगाया कि हम सभी यूनियन के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर जिला मुख्यालय पर सैकड़ो वाहन स्वामियों द्वारा यूनियन का बहिष्कार करते हुए आठ अक्टूबर 2024 को जनपद के समस्त आला अधिकारियों को सूचित किया गया एवं वर्तमान अधिकारी को भी हस्ताक्षर अभियान पत्र प्रेषित किया गया है कि वर्तमान में ऐसा कोई संगठन नहीं है जो वाहन स्वामी का नेतृत्व करता हो। जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि सोनांचल ट्रक एसोसियेशन के तहत अगर कोई नेतृत्व की बात करने वाला व्यक्ति है तो उसकी बात को व्यक्तिगत माना जायेगा और इनके द्वारा प्रेस कान्फ्रेन्स एवं मीटिंग किया जा रहा है या उनके निजी स्वार्थ में किया गया है। वह स्वयं को अध्यक्ष दर्शाने के लिए किया गया है। जिसकी जानकारी न किसी को बायलॉज के अनुसार सदस्य सचिव, उपाध्यक्ष किसी भी पदाधिकारी को नही है और न ही थी। इसके साथ ही अंकुर कश्यप द्वारा आरोप लगाया गया कि कमल किशोर सिंह ने जिलाध्यक्ष पद का लाभ उठाते हुए अधिकारियों को विश्वास में लेकर कई अनुचित लाभ लाया लिया है।
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