स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही, शर्मनाक चेहरा आया सामने

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सोनभद्र। जनपद में जहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक चाहे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अचानक निरीक्षण करें और सुधार के दावे करें, लेकिन हकीकत जमीनी स्तर पर कुछ और ही है। सोनभद्र के म्योरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार की रात एक प्रसूता महिला को भर्ती करने के बजाय अस्पताल से भगा दिया गया। नतीजा ये हुआ कि महिला ने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस घटना का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिले मे सरकारी अस्पतालों की बदहाल तस्वीर एक बार फिर सामने आई है। ताजा मामला दुद्धी तहसील क्षेत्र के म्योरपुर के आरोग्य अस्पताल का है। बताया जा रहा है कि प्रसव पीड़ा से कराहती महिला गुरुवार की रात अपने पति और गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ अस्पताल पहुंची थी। अस्पताल की नर्स ने महिला को भर्ती करने के बजाय चाभी नहीं है का बहाना बनाकर बाहर ही भगा दिया। इसके बाद महिला की पीड़ा इतनी बढ़ गई कि अस्पताल के गेट पर ही आशा और घर की महिलाओं ने प्रसव कराया। लापरवाही का आलम ये रहा कि नवजात का जन्म अस्पताल की नर्स की देखरेख में नहीं बल्कि सड़क किनारे अस्पताल के गेट पर हुआ। घटना के बाद वहां मौजूद परिजन और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। महिला के पति का आरोप है कि जब पत्नी ने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया, तभी नर्स मौके पर पहुंची, लेकिन मदद करने के बजाय उसने पैसे की मांग शुरू कर दी। मोल-भाव के बाद महिला के पति से 200 रुपये भी वसूल लिए गए। लोगों का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक महिला या एक परिवार के साथ हुई लापरवाही नहीं है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की सच्चाई उजागर करती है। आकांक्षी जनपद घोषित किए जाने के बावजूद आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। फिलहाल, सोनभद्र के इस अस्पताल की लापरवाही ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। देखना होगा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं।

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