ओबरा/सोनभद्र(AKD/गिरीश तिवारी)–ओबरा विधानसभा के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में पत्थर खनन के दौरान सात मजदूरों की मौत वाले हादसे को लेकर राष्ट्रीय चेरो जनजाति महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सख्त कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक हरीराम चेरो ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा कि 15 नवंबर को चोपन में भगवान बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम के दौरान पूरे जिले में खदान संचालन बंद था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से दो खदानें चल रही थीं। उसी में से एक में हादसा हुआ और सात मजदूर दबकर मारे गए।चेरो ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने न सिर्फ खदान बंदी के आदेशों की अनदेखी की, बल्कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल से महज छह किलोमीटर दूर हुई इस घटना को दबाने की कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि आपकी मौजूदगी के बावजूद घटना की जानकारी तत्काल नहीं दी गई, जबकि बाद में आपके निर्देश पर ही शवों को निकाला गया। आदिवासी परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है।महासंघ ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच लखनऊ मुख्यालय से कराई जाए, दोषी अधिकारियों और खनन ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो, और प्रत्येक मृतक परिवार को खदान मालिकों से 50 50 लाख रुपये की सहायता तत्काल दिलाई जाए। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि जिस क्षेत्र में यह हादसा हुआ, वह समाज कल्याण मंत्री संजीव सिंह गौड़ का निर्वाचन क्षेत्र है और यहां लगभग 60 प्रतिशत आबादी आदिवासी समाज की है।हरीराम चेरो ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी मिल गई होती, तो वे पीड़ित परिवारों का दर्द बांटने स्वयं मौके पर जाते। अब उम्मीद है कि शासन इस गंभीर हादसे पर कठोर निर्णय लेगा और आदिवासी परिवारों को न्याय मिलेगा।
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