(अरविंद दुबे,गिरीश तिवारी)
चोपन/सोनभद्र:
सोमवार की शाम अचानक बदले मौसम ने चोपन विकास खंड क्षेत्र के किसानों को गहरे संकट में डाल दिया। एक ओर जहां तापमान में गिरावट ने आम जनजीवन को राहत दी, वहीं दूसरी ओर यह बारिश किसानों के लिए मुसीबत बनकर आई। इन दिनों गेहूं समेत कई अन्य रबी फसलों की कटाई का दौर चल रहा है। अधिकतर फसलें या तो खेतों में पड़ी हैं या खलिहान में खुले आसमान के नीचे सूख रही थीं।
बारिश की अचानक और देर तक हुई बौछारों ने खलिहानों में भरे पानी से फसलों को भिगो दिया, जिससे सड़न और दाग लगने की आशंका अब साफ नजर आ रही है। किसानों ने किसी तरह तिरपाल और अन्य साधनों से फसल को ढकने की कोशिश की, लेकिन तेज बारिश ने उनके सारे प्रयास विफल कर दिए।
बड़गांवॉ निवासी राजेश दुबे ने बताया, “हमारी आधी से ज्यादा फसल अभी खेतों और खलिहान में ही है। पहले तो सूखे की मार झेली, अब बारिश ने बचा-खुचा भी बिगाड़ दिया। अगर फसलें सड़ गईं तो पूरे साल का खर्च और कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा।”उन्होंने यह भी बताया कि किसान इन्हीं फसलों की आमदनी से शादी-विवाह, धान की अगली खेती और कृषि कार्यों से जुड़ी तमाम जरूरतें पूरी करते हैं। ऐसे में अगर यह फसल खराब हो गई, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी।गांवों में इस वक्त किसान सबसे ज्यादा चिंता में डूबे हुए हैं। कुछ जगहों पर तो फसल के साथ भूसा भीग गया है, जिससे पशुओं के चारे की समस्या भी खड़ी हो गई है।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बारिश से खराब हुई फसलों का तत्काल सर्वे कराया जाए और उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाए, ताकि उनके जीवन की गाड़ी दोबारा पटरी पर लौट सके।
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