रिपोर्ट रवि सिंह

सोनभद्र। जिले में इन दिनो पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। नदी, तालाब, कुएं सब सुख चुके है। हैंडपंप भी पानी छोड़ दिए है हर घर जल योजना फेल हो चुका है। ऐसे में इंसानों को जहा टैंकरों से पानी उपलब्ध हो जा रहा है। वही जंगली जानवरों की हालत बहुत खराब होती जा रही है। अंधाधुन पेड़ों की कटाई व तालाबों पर अतिक्रमण की वजह से जंगली जानवरों को पानी के लिए भटक कर कस्बों और गांवों का रूख करना पड़ रहा है। जंगल से पानी के लिए भटक कर आए जानवर वापस जंगल की तरफ लौट कर नहीं जा पा रहे है या तो वो कुत्तों के झुंड का शिकार हो जा रहे हैं या वो शिकारियों के बिछाए जाल में फंस कर दम तोड दे रहे है पर वन विभाग को इससे कोई फर्क नही पड़ रहा है।

ताजा मामला रेनुकूट वन प्रभाग के बघाडू वन रेंज के अंतर्गत गुलालझरिया गांव का है जहां आज सुबह 6:00 बजे एक तीन सींग वाला हिरन पानी के तलाश में जंगल से भटक कर बस्ती में आ पहुँचा। जहां पहले से मौजूद आवारा कुत्तों ने उस पर हमला बोल दिया हिरण जान बचाने का बहुत प्रयास किया यहां तक कि स्थानीय ग्रामीणों ने कुत्तों को भगाने का भी प्रयास किया पर कुत्तों के झुंड ने हिरण को मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के बीट प्रभारी सतनारायण यादव को दिया । सूचना पर गांव पहुंचे वन कर्मियों ने हिरण के शव को कब्जे में ले लिया एवं अग्रिम कार्रवाई में जुट गए है। वही मामले में ग्रामीण शिव बालक ने बताया कि हिरण कर्री के जंगल से बस्ती पहुँचा था। जिस पर 10 से ज्यादा की संख्या में आवारा कुत्तों की नजर पड़ी तो कुत्तों के झुंड ने हिरण पर हमला बोल दिया। पानी की तलाश में गांव पहुँचा हिरण जान बचाने के लिए दौड़ भाग कर थक गया जिससे हिरण गुलालझरिया निवासी शिव बालक के खेत में गिर पड़ा कुत्तों के झुंड ने हिरण के गर्दन को नोच लिया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई। आसपास के ग्रामीण जब ने कुत्ते से झेल रहे हिरण को बचाने का खूब प्रयास किया लेकिन वे सफल नही हुए।बता दे कि रेनुकूट वन प्रभाग के विभिन्न वन रेंज के जंगलों में जंगली जानवरों पशु पक्षियों को पानी पीने के लिए समुचित व्यवस्था नही किये जाने से पानी की तलाश में जंगलों से बंदरों ,लंगूरों व हिरण , भालू, तेंदुआ व चीतल आये दिन बस्तियों में आ जा रहे है। जहां बंदर व लंगूर उत्पात मचा रहे है वहीं हिरण व चीतलों के साथ अप्रिय घटना घट जा रही है। पिछले माह एक चीतल डूमरडीहा गांव में एक सूखे कुएं में गिर गया था और रात भर कुएं में ही फसा था उसने कुएं से निकलने की खूब प्रयास की लेकिन वह सफल नही हो सका था। अंत मे ग्रामीणों व वन कर्मियों ने उसे कुएं से बाहर निकाला था और उसे सुरक्षित जंगल मे छोड़ा था।

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