ओबरा/सोनभद्र(AKD/गिरीश तिवारी):- बिल्ली–मारकुंडी रास पहाड़ी में हुए भीषण खदान दुर्घटना के बाद मलबे में दबे श्रमिकों को निकालने की रेस्क्यू प्रक्रिया बेहद धीमी होने पर भारतीय मजदूर संघ ने गहरी नाराज़गी जताई है। संघ ने कहा कि मौके पर तकनीकी मशीनों की भारी कमी है, जिसके कारण रेस्क्यू की रफ्तार संतोषजनक नहीं है। देर होने से दबे श्रमिकों के जीवित मिलने की संभावना क्षीण होती जा रही है, जबकि मृत श्रमिकों के शव भी पहचान योग्य न बचने का खतरा बढ़ रहा है।बीएमएस का प्रतिनिधिमंडल जब रेस्क्यू की प्रगति जानने दुर्घटना स्थल की ओर गया तो प्रशासन ने काफी दूरी पर ही बैरिकेटिंग कर उन्हें रोक दिया। इस रोक-टोक से नाराज़ होकर श्रम प्रतिनिधियों ने उपजिलाधिकारी ओबरा को मामले से अवगत कराया और इसे प्रशासन की असंवेदनशीलता बताया।धीमी रफ्तार से चल रहे रेस्क्यू और प्रशासनिक प्रतिबंधों के विरोध में बीएमएस ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की नोटिस जिलाधिकारी सोनभद्र को सौंपने का निर्णय लिया। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश मंत्री अरुण कुमार दुबे, विभाग प्रमुख अश्विनी शुक्ला, जिला मंत्री लल्ला शुक्ला, मंत्री शशिकांत सिंह, संतोष यादव समेत अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।
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