ओबरा/सोनभद्र(गिरीश तिवारी)- जिले में 37 खदानों को बंद करने के आदेश के बाद खनन क्षेत्र से जुड़े मजदूरों, परिवहन कर्मियों और स्थानीय कारोबारों में गहरी चिंता की स्थिति बन गई है। 15 नवंबर को हुई दुर्घटना में 7 श्रमिकों की मौत के बाद पहले से ही संवेदनशील माहौल था, ऐसे में खदान बंदी ने हजारों परिवारों की आजीविका पर नया संकट खड़ा कर दिया है।डाला-बिल्ली क्रशर ऑनर्स एसोसिएशन ने खान सुरक्षा निदेशक वाराणसी क्षेत्र को भेजे गए पत्र में कहा है कि खदान बंद होने से प्रशासनिक प्रक्रिया तो प्रभावित होगी ही, साथ ही रोज़ कमाने-खाने वाले मजदूरों की स्थिति सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगी। सुबह से कई खनन क्षेत्रों में मजदूरों को काम न मिलने पर असमंजस की स्थिति देखी गई। परिवहन और निर्माण कार्यों पर भी इसका असर दिखाई देने लगा है।एसोसिएशन ने बताया कि ई-टेंडरिंग खदानों से प्रतिदिन 5 से 12 लाख रुपये तक की रॉयल्टी जमा होती है, जो प्रदेश के राजस्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अचानक बंदी से यह राजस्व प्रभावित होगा और खनन पर आधारित छोटे व्यवसायों की गतिविधियां भी धीमी पड़ सकती हैं। कई मजदूरों और ट्रांसपोर्टरों ने चिंता व्यक्त की कि यदि स्थिति लंबी चली तो उनके परिवारों के सामने आर्थिक दिक्कतें बढ़ जाएंगी।2012 में हुई इसी तरह की बंदी का उल्लेख करते हुए एसोसिएशन ने कहा कि उस समय पूर्वांचल के कई हिस्सों में रोजगार के अवसर कम हो गए थे और मजदूरों का पलायन बढ़ गया था। वर्तमान परिस्थितियों में भी एक बार फिर वही स्थिति दोहराए जाने की आशंका जताई जा रही है।एसोसिएशन का कहना है कि सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू करना अनिवार्य है और खदानों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिए, लेकिन बंदी के प्रभावों पर भी समग्र रूप से विचार जरूरी है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि श्रमिकों की सुरक्षा और उद्योग के हितों को संतुलित रखते हुए आदेश पर पुनर्विचार किया जाए, ताकि रोजगार, सरकारी राजस्व और चल रहे विकास कार्य प्रभावित न हों।
Author Profile

Latest entries
सम्पादकीयDecember 30, 2025सोनभद्र: अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत, एक गंभीर
सम्पादकीयDecember 30, 2025सोनभद्र: अवैध कच्ची शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, दो तीन क्विंटल लहन नष्ट
सम्पादकीयDecember 30, 2025दानापुर ने जौनपुर को 132 रनों से हराया
सम्पादकीयDecember 30, 2025सरकारी जमीन पर कब्जे का गंभीर मामला, एक व्यक्ति दो नामों से दर्ज,हाईकोर्ट स्टे से रुकी कार्रवाई