सोनभद्र: सुभासपा के सम्मेलन में पहुंचे पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने जहां जनप्रतिनिधियों पर विकास कार्यों में रुचि न लेने का आरोप लगाया। वहीं जो जमीन हमारी है वह जमीन सरकारी है के भड़काऊ नारे भी लगवाए। मंत्री बनने को लेकर लगाई जा रही अटकलों के मसले पर कहा कि भले मैं मंत्री नहीं हूं मगर किसी मंत्री से कम भी नहीं हूं। राबर्ट्सगंज नगर स्थित विवेकानंद प्रेक्षागृह में आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे ओपी राजभर ने सरकारी भूमि पर बसे गरीबों को हटाए जाने, उजाड़ने की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को किसी भी हाल में सरकारी जमीन से न हटाया जाए इसके लिए वह तीन बार मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। उनकी कोशिश है कि इसको लेकर एक कानून बनाया जाए जिससे जो भी सरकारी जमीन पर कब्जा है उन्हें उनका मालिकाना हक दे दिया जाए। सम्मेलन में शामिल होने आए महिला–पुरुषों से जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है के जमकर भड़काऊ नारे भी लगाए। सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह सरकारी जमीनों पर गरीबों को कब्जा दिलाने और उनके कब्जे को बरकरार रखने की एक नई मुहिम शुरू कर रहे हैं, जो कब्जे के हक में कानून बनने तक जारी रहेगी। जिले में बढ़ती कब्जे की प्रवृत्ति और पूर्व में इसी नारे के आड़ में पनपे नक्सलवाद को देखते हुए जब मीडिया के लोगों ने सवाल पूछा तो उनका कहना था कि वह बात सिर्फ गरीबों की कर रहे हैं। नक्सलवाद के मसले पर हंसते हुए कहा कि हमसे बड़ा नक्सली कौन है?
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