सोनभद्र। जनता की बिजली गुल करना तो जैसे रोज की आदत है, लेकिन जब किसी की जान पर बन आई तो भी बिजली विभाग का पारा नीचे नहीं आया। मामला सुकृत फीडर के लोहारा गांव का है, जहाँ एक महिला करेन्ट की चपेट में आ गई। परिजन घबराए, जेई को फोन लगाया कि साहब बिजली काट दो, महिला की जान बच जाएगी पर जेई साहब के कान पर जूं तक न रेंगी और बिजली नही काटी। नतीजा यह रहा कि महिला की मौत हो गयी। परिजन हताश होकर घोरावल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ अनिल कुमार मौर्या के पास फोन कर बिजली कटवाने की बात कही । भाजपा विधायक ने स्वयं जेई को फोन लगाया तो जेई ने वही जवाब दिया कि जो मृतक महिला ज परिजनों को दिया कि बिजली हम नहीं काटेंगे एसडीओ व एक्सईएन से बात करिए। अब आप सोचिए की जनता की बात दूर सत्ताधारी दल के विधायक भी निवेदन कर कह रहे हैं कि बिजली काट दो लेकिन जेई साहब का रुतबा देखिए, बिजली काटने की जगह एक्सईएन और एसडीओ से बात करने की सलाह दे रहे है विधायक को। नतीजा, महिला की मौत।अब सवाल ये है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी जनता की जान बचाने की है, वही मौत का तमाशा क्यों बना बैठा है? विधायक गुस्से में हैं, जेई को हटाने की मांग कर डाली है। लेकिन जनता पूछ रही है, जेई हटेगा कब, और जिम्मेदारी तय होगी कब? उधर अधिशाषी अभियंता एसबी ठाकुर का बयान भी कम दिलचस्प नहीं। कहते हैं, मुझे अभी जानकारी हुई है, जेई पर जांच कर विभागीय कार्यवाही की जाएगी, रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा मिलेगा। यानी मौत के बाद भी बिजली विभाग अपने पुराने ढर्रे पर ही फाइल चलेगी, जांच बैठेगी, मुआवजे का झुनझुना बजेगा, जेई पर कार्यवाही होगी की नही यह पता ही नहीं चलेगा । बिजली विभाग ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहाँ करंट से मौत भी तत्काल हो सकती है, लेकिन कार्रवाई हमेशा लंबित रहेगी।
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